Rajasthan : सब इंस्पेक्टर-2021 पेपरलीक मामले में जमानत पर बाहर आए 9 और ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है. इससे पहले शुक्रवार को 11 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड किया गया था. इस हिसाब से अब तक एसआई पेपरलीक मामले में गिरफ्तार किए गए 45 एसआई में से 20 को सस्पेंड किया जा चुका है.
रविवार को बीकानेर रेंज IG ओमप्रकाश ने 8 ट्रेनी एसआई करणपाल गोदारा, जयराम, मनीष बेनीवाल, श्रवण कुमार, मनीषा, अंकिता गोदारा, मंजू विश्नोई व मंजू देवी को निलंबित किया है. वहीं, अजमेर रेंज आईजी ओमप्रकाश ने 1 ट्रेनी एसआई सुभाष विश्नोई को सस्पेंड किया है. इससे पहले 3 जनवरी को जयपुर, उदयपुर रेंज के 11 ट्रेनी SI निलंबित किए गए थे.
48 घंटे रहे थे पुलिस हिरासत में
राजस्थान सिविल सर्विस (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) रूल्स 1958 के अनुसार किसी सरकारी कर्मचारी के 48 घंटे पुलिस हिरासत में रहने पर उसे निलंबित किया जाता है. इस नियम के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. पेपरलीक मामले में अभी तक 45 ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी एसओजी कर चुकी है जिनमें से 25 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. इनके अलावा 6 आरोपी ऐसे गिरफ्तार किए हैं, जिनका चयन तो हो गया था, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया.
सरकार और पुलिस मुख्यालय से हरी झंडी के इंतजार में यह कार्रवाई रुकी हुई थी. एसआई भर्ती 2021 मामले में ट्रेनिंग ले रहे एसआई को फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने के पुलिस मुख्यालय के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई है. इस मामले पर अब 6 जनवरी 2025 को सुनवाई होनी है.

Author: Mukesh Kumar
साल 2001 में जन्मे मुकेश कुमार पिछले तीन सालों से मीडिया में काम कर रहे हैं. फिलहाल आप 'द बवाल' चैनल में कंटेंट राइटर, एंकर और रिपोर्टर के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं. आपने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीए जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है और बाद में इंडिया टुडे मीडिया इंस्टिट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है. मुकेश कुमार राष्ट्रीय राजनीति और खेल पत्रकारिता पर लिखना और रिपोर्टिंग करना पसंद करते हैं. 2023 में, उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव को कवर किया और प्रतापगढ़ और जैसलमेर जैसे दूर-दराज के जिलों में अपराध और राजनीति से जुड़ी अहम खबरें दी. इसके अलावा, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव को भी कवर किया। मुकेश ने इंडिया टुडे ग्रुप के Tak क्लस्टर की वेबसाइट 'राजस्थान तक' के लिए राजनीति, शिक्षा, लाइफस्टाइल और क्राइम से जुड़े विषयों पर खबरें लिखी हैं. इनका मानना है कि सच्ची और तथ्यात्मक पत्रकारिता समाज में अच्छा बदलाव ला सकती है। इसलिए इनका फोकस हमेशा विश्वसनीय और प्रभावशाली रिपोर्टिंग करने पर रहता है.