Jodhpur News : जोधपुर पुलिस की साइक्लोनर टीम को अपराधियों की कमर तोड़ने के सिलसिले में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. जिस कुख्यात अपराधी दान सिंह पर जैसलमेर में 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था, उसे टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले 5 साल से वह जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा जिलों की पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था.
साल 2003 में अपराध की दुनिया में शामिल होने के बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2019 तक लगातार 27 अपराध किए. 2019 में जेल से जमानत पर छूटने के बाद वह फरार हो गया था और तब से तीन जिलों की पुलिस उसे ढूंढ रही थी.
ऑपरेशन पैराडॉक्स में पुलिस को मिली सफलता
अपराधी दान सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन पैराडॉक्स चलाया था. दान सिंह के नाम और कर्मों में विरोधाभास को देखते हुए पुलिस ने ऑपरेशन का ये नाम रखा था. क्योंकि उसका नाम दानसिंह था लेकिन वह काम लूटने का करता था. पुलिस इस ऑपरेशन में सफल हुई और दान सिंह को पकड़ लिया गया.
विक्रम सिंह बनकर पुलिस को देता रहा चकमा
फरार होने के बाद दान सिंह ने पुलिस से बचने के लिए अपना नाम विक्रम सिंह रख लिया. कुछ दिन उसने गुजरात के होटलों में वेटर का काम किया और फिर वह जोधपुर आकर व्यापारी बन गया. दान सिंह के शातिरपने को आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि उसका रूम पार्टनर भी उसे ट्रांसपोर्ट व्यापारी समझता रहा और उसे उसके गोरखधंधे के बारे में कानोंकान खबर नहीं लगी.
महिलाओं से दोस्ती का शौक पड़ गया महंगा
अपना रौब बनाए रखने के लिए दान सिंह महंगे ब्रांड के कपड़े और गले में हमेशा सोने की चेन पहनता था. उसको अलग-अलग कई महिलाओं से दोस्ती करना पसंद था. वह उनसे दोस्ती करके उन्हें महंगे गिफ्ट दिया करता था. जब यह बात साइक्लोनर टीम को पता चली तो इससे उसका काम आसान हो गया. दरअसल, उसने महिला मित्र को देने के लिए ऑनलाइन एक गिफ्ट ऑर्डर किया था. जब डिलीवरी ब्वॉय गिफ्ट की डिलीवरी करने जा रहा था तो उसका पीछा करते करते साइक्लोनर टीम दान सिंह के ठिकाने पर पहुंच गई. पहले तो वह खुद को विक्रम सिंह बताकर टीम को चकमा देता रहा. लेकिन जब उसके कमरे से दान सिंह नाम का आधार कार्ड बरामद हुआ तो उसकी पोल पट्टी खुल गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
