Jaisalmer : जैसलमेर के बब्बर मगरा में एक बकरी शीशा खाने लगी जिसके चलते उसने कुछ दिनों से चरना और पानी पीना छोड़ दिया. नुकीले कांच के टुकड़े उसके पेट व आंतों को नुकसान पहुंचा सकते थे और उसकी मृत्यु हो सकती है. इसलिए उपचार के लिए बब्बर मगरा निवासी छगन सिंह बकरी को पशु चिकित्सालय लेकर गए.
पशुपालक छगन सिंह ने बताया कि मेरी यह बकरी पिछले कुछ दिनों से कांच के टुकड़े, सेरेमिक मैटल के कप व अखाद्य चीजें खा रही है. इसलिए कुछ दिनों से इस बकरी ने खाना पीना छोड़ दिया है. बकरी की जांच करने के बाद बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वासुदेव गर्ग ने रूमिनाटोमी ऑपरेशन की सलाह दी.
कांच के टुकड़ों को देखकर हर कोई रह गया हैरान
पशुपालक से आम सहमति लेने के पश्चात पशु चिकित्सकों की टीम ने 1 घंटे का जटिल ऑपरेशन किया जिसमें बकरी के पेट से कांच के टुकड़े, कप के टुकड़े व अन्य अखाद्य वस्तुएं निकाली. ऑपरेशन के बाद बकरी के पेट से निकले कांच के टुकड़ों को देखकर हर कोई हैरान रह गया.
पशुपालक छगन सिंह ने पशु चिकित्सालय में कार्यरत डॉ वासुदेव गर्ग, डॉ जोगेंद्र सिंह देवड़ा, डॉ हेतु दान, डॉ ममता चंदेल व अन्य स्टाफ की सराहना की. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त निशुल्क सेवाओं की प्रशंसा की जिससे गरीब पशुपालक की बकरी की जान बच पाई.
