Arvind Kejriwal : 8 फरवरी 2025 को दिल्ली चुनाव के नतीजे आ रहे थे और आम आदमी पार्टी हार रही थी. ठीक उसी वक्त उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक बड़ा फैसला ले लिया और दिल्ली सचिवालय को सील करवा दिया. अब सवाल ये है कि ऐसा क्यों किया गया? आखिर सचिवालय में ऐसा क्या था, जिसे LG ने तुरंत लॉक करवा दिया? और इससे केजरीवाल की मुश्किलें कितनी बढ़ सकती हैं?
पहला सवाल ये है कि सचिवालय में ऐसा क्या था, जिसे LG ने सील किया? दिल्ली सचिवालय को सरकार चलाने का कंट्रोल रूम कह सकते हैं. यहीं से दिल्ली सरकार की नीतियां बनती हैं, योजनाएं लागू होती हैं और सरकारी फंड का इस्तेमाल कैसे करना है, यह तय होता है. जब AAP चुनाव हार गई, तभी LG ने सचिवालय को सील करने का आदेश इसलिए दिया क्योंकि अंदर कुछ “संवेदनशील फाइलें” मौजूद हो सकती हैं, जिन्हें अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी गायब करने की कोशिश कर सकती हैं. अब ये फाइलें अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती हैं.
अब हम जानेंगे कि ऐसे कौनसे मामले हैं जिनसे जुड़ी फाइलें सचिवालय के बंद कमरों में मौजूद हैं जो केजरीवाल के लिए खतरा बन सकती हैं?
पहला है विदेशी चंदे में गड़बड़ी
ED का आरोप है कि AAP को 2014-2022 के बीच अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, UAE, कतर जैसे देशों से करोड़ों का चंदा मिला। लेकिन इस चंदे की असली पहचान छिपाई गई. इस पर AAP नेता आतिशी ने का कहना है कि हमारी पार्टी हमेशा पारदर्शी रही है और हमारे सारे डोनेशन रिकॉर्ड सार्वजनिक हैं. लेकिन विदेश चंदे के मामले में ईडी के दस्तावेज अब कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. इससे जुड़ी फाइलें दिल्ली सचिवालय में मौजूद हो सकती हैं जो केजरीवाल के लिए बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ सकती हैं.
सीएम हाउस रिनोवेशन घोटाला
BJP का आरोप है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को रिनोवेट करने में 45 करोड़ रुपए खर्च किए. इसमें 4 करोड़ के पर्दे, 10 लाख का सोफा, 64 लाख की स्मार्ट टीवी के साथ कई ऐसी खरीद की गई जो काफी महंगी चीजें हैं. CBI ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और इससे जुड़ी फाइलें भी सचिवालय में हो सकती हैं.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) घोटाला
ED का आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड से रिश्वत लेकर 2 करोड़ रुपए AAP की चुनाव फंडिंग में इस्तेमाल किए गए. इस घोटाले के मुख्य आरोपी दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार रोड़ा हैं. इससे जुड़ी फाइलें भी सचिवालय में मिल सकती हैं.
मोहल्ला क्लिनिक और शिक्षा घोटाला
LG ऑफिस का कहना है कि मोहल्ला क्लिनिक्स में फर्जी टेस्ट करवाए जा रहे थे. नकली दवाओं की सप्लाई की जा रही थी. स्कूलों के रेनोवेशन में बजट से ज्यादा खर्च हुआ. BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तो यहां तक दावा किया कि मोहल्ला क्लिनिक में एक दिन में 500 मरीजों को देखा गया. 4 घंटे में 500 मरीजों की जांच और दवा कैसे हो सकती है?. ये सारे आरोप अब जांच के घेरे में हैं, और इससे आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हो तो ये भी सकता है कि ये सारे घोटालों पर बीजेपी जांच तेज कर दें और अरविंद केजरीवाल को फिर से जेल जाना पड़े.
