Delhi : आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलेगा. गृह मंत्रालय ने 14 फरवरी को इस पर राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी थी जिस पर अब द्रौपदी मूर्मू ने अपनी मुहर लगा दी है. सत्येंद्र जैन के पास मुकदमे से बचने का अब कोई रास्ता नहीं बचा है. उनपर BNS की धारा 218 के तहत केस चलेगा. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही जैन की गिरफ्तारी कर सकती है.
दरअसल, जिस समय ये मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ फ्रेम हुआ था, उस समय वह विधायक थे. इसलिए BNS की धारा 218 के तहत उनके खिलाफ केस चलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी. ये मामला सिर्फ सत्येंद्र जैन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि AAP के लिए भी एक बड़ा झटका है. दिल्ली में हार के बाद क्या ये आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ने का संकेत है? क्या AAP के भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश होने वाला है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी…
ईडी ने 2022 में दर्ज किया था केस
ED ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. ED ने आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की. ये भी आरोप था कि फर्जी कंपनियों के जरिए आए पैसे का इस्तेमाल जमीन खरीदने या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए लोन की अदायगी के लिए किया गया. करीब 18 महीने जेल में रहने के बाद उन्हें अक्टूबर 2024 में जमानत मिली. पूर्व मंत्री जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदीं. उनके मालिकाना हक वाली कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को कैश ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त किए.
तिहाड़ जेल में कई महीने बिता चुके हैं सत्येंद्र
जनवरी 2025 में ED ने कोर्ट से मांग की कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय किए जाएं क्योंकि जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. ED का कहना है कि सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए अवैध पैसों को छिपाने और उसे संपत्तियों में निवेश करने की साजिश रची. प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही इस मामले में उनके खिलाफ जांच कर चुकी है, लेकिन अब बड़ी बात ये है कि राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को सत्येंद्र जैन पर मुकदमे की मंजूरी दे दी है. यानी अब कोर्ट में उनके खिलाफ केस चल सकेगा. इससे पहले भी वो ED की गिरफ्त में रह चुके हैं और तिहाड़ जेल में कई महीने बिता चुके हैं. लेकिन अब मामला और गंभीर हो गया है, क्योंकि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को हरी झंडी मिल चुकी है.
सवाल ये है कि केजरीवाल इस मुद्दे पर क्या सफाई देंगे? क्या AAP खुद को बचा पाएगी या ये शुरुआत है एक बड़े राजनीतिक भूचाल की, ये तो आने वाला समय ही बता पाएगा.
