Delhi : बीजेपी ने दिल्ली में महिला सीएम बनाकर सभी को चौंका दिया है. रेखा गुप्ता ने चौथी महिला मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ भी ले ली है लेकिन केजरीवाल अभी भी हार की बैचेनी से बाहर नहीं निकल पाए हैं. हालत ये है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी सिंह शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे. इस बीच चर्चा है कि हार के बाद अरविंद केजरीवाल अपनी कौनसी रणनीति में जुटे हुए हैं और वह शपथग्रहण समारोह में क्यों नहीं पहुंचे.
बताया जा रहा है कि हार के अगले दिन से ही आम आदमी पार्टी हारे हुए कैंडिडेट से वन टू वन फीडबैक ले रही है और यह जानने में जुटी हुई है कि 13 सालों में जिस पार्टी ने देश के 5 स्टेट दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर, गुजरात और गोवा में पहुंच बना ली थी वह आखिर दिल्ली में अचानक चुनाव कैसे हार गई? इन फीडबैक में मौटे तौर पर जो बातें निकलकर आई हैं उन पर आने वाले समय में अरविंद केजरीवाल काम करते हुए नजर आएंगे.
आतिशी को सौंपी जा सकती है दिल्ली की सत्ता
बताया जा रहा है कि हार के बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली छोड़ने का प्लान बना रहे हैं. ऐसे में दिल्ली की सारी जिम्मेदारी आतिशी सिंह को सौंपी जा सकती है. हार की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि पार्टी एक के बाद एक चुनाव जीतती रही लेकिन उसने संगठन का विस्तार नहीं किया. इसी के चलते आज आप की ये हालत हुई है. इसलिए हार के बाद केजरीवाल दिल्ली छोड़ने का प्लान बना रहे हैं और पंजाब व गुजरात में संगठन को विस्तार देने का काम करेंगे ताकि वहां पर आम आदमी पार्टी मजबूत हो सके.
केजरीवाल की इमेज बिल्डिंग पर होगा फोकस
पार्टी नेताओं के मुताबिक, ईमानदारी अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी ताकत थी. लेकिन करप्शन के आरोप में जेल जाने से उनकी इमेज को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की इमेज बिल्डिंग पर भी पार्टी काम करेगी. करप्शन के आरोप में जेल जाने के बाद केजरीवाल ने सरकारी बंगला और कुर्सी दोनों छोड़ दिया. वो एक आम नागरिक की तरह रह रहे हैं. इस बात को आम आदमी पार्टी जनता के बीच लेकर जाएगी.
बीजेपी के काम पर नजर रखेगी आम आदमी पार्टी
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी दिल्ली में बीजेपी के कामकाज पर नजर रखेगी और समय-समय पर उसे घेरने का काम करेगी. चुनावों में BJP ने आम आदमी पार्टी की योजनाएं जारी रखने का वादा किया है. अब आप का इस पर फोकस रहेगा कि बीजेपी उनकी योजनाओं को कैसे लागू करती है. इसके साथ ही बीजेपी ने चुनाव में जो भी वादे किए हैं अगर वो पूरे नहीं हुए तो आम आदमी पार्टी इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाएगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या केजरीवाल सच में दिल्ली छोड़कर पंजाब और गुजरात के लिए काम करेंगे या वह दिल्ली में ही अपनी राजनीति जारी रखेंगे.
