Rajasthan : राजस्थान में पटवारी के पदों पर भर्ती निकलने से एक तरफ युवाओं में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ पटवारी भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होते ही एक नया विवाद पैदा हो गया है. अभ्यर्थियों ने आरक्षित वर्गों के आरक्षण प्रतिशत की अनदेखी करने को का आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, पटवारी सीधी भर्ती 2025 में नॉन टीएसपी के 1733 पदों में से एससी, एसटी व ओबीसी के पदों में कथित रूप से कटौती करने और एमबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पद ज्यादा दिए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है.
पटवारी भर्ती 2025 के नोटिफिकेशन में एससी-एसटी व ओबीसी को कुल 849 के बजाय कुल 707 पद दिए गए हैं. इसमें आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी की गई है. अभ्यर्थियों का तर्क है कि नॉन टीएसपी के कुल 1733 पदों में से एससी को 16 प्रतिशत आरक्षण से 277 पद मिलने चाहिए थे, मगर 229 पद ही दिए गए. एसटी के 12 प्रतिशत आरक्षण से 208 पदों के बजाय 175 और ओबीसी को 21 प्रतिशत आरक्षण से 364 के बजाय 303 पद ही आवंटित किए गए. वहीं दूसरी तरफ एमबीसी के 5 प्रतिशत आरक्षण में 87 के बजाय 165 पद और ईडब्ल्यूएस को 173 के बजाय 405 पद दिए जाने के आरोप लग रहे हैं जिससे अभ्यर्थी भड़के हुए हैं.
इस संबंध में कर्मचारी चयन बोर्ड ने संबंधित विभाग से ही अभ्यर्थना आने का तर्क देकर किनारा कर लिया है. वहीं विभागीय अधिकारियों ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है. अब इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पश्चिमी राजस्थान के कद्दावर कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने भी सीएम भजनलाल शर्मा और राजस्व मंडल अजमेर के अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरक्षित वर्गों के साथ न्याय करने की मांग की है.
हरीश चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट
हरीश चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा जारी पटवार भर्ती – 2025 में वर्गवार पदों का बँटवारा संविधान द्वारा विभिन्न वर्गों को प्रदत्त आरक्षण के नियमानुसार नहीं है जो संविधान की मूल भावना की अवहेलना है. ST, SC, OBC वर्ग को उनके अनुपात में पद ना मिलने की मुख्य वजह दोषपूर्ण रोस्टर प्रणाली है. राजस्थान सरकार इस भर्ती में विज्ञापित पदों का सही रोस्टर वर्गीकरण कर आरक्षित वर्गों के साथ सामाजिक न्याय करे एवं समस्त विभागों की सही रोस्टर पंजिका तैयार करवायें ताकि युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर लगाम लगायी जा सके.
