Rajasthan : राजस्थान की राजनीति में किरोड़ीलाल मीणा अकेले ऐसे नेता हैं जो जब विपक्ष में थे तब भी उनका जलवा था और आज जब वह सत्ता में है तब भी उनका जलवा है. उनकी चर्चा केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहती, वह अपनी कार्यशैली से जनता के दिलों में जगह बना चुके हैं. शायद यही वजह है कि जब भी आम जनता को उनकी जरूरत होती है तो वह सीधे उनके बीच में पहुंच जाते हैं. एक बार फिर किरोड़ीलाल मीणा की एक तस्वीर की चर्चा जबरदस्त हो रही है जिसमें वह महिलाओं की हथेली पर अपना मोबाइल नंबर लिखते हुए नजर आ रहे हैं.
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को लोग प्यार से “बाबा” कहते हैं. वह विपक्ष में थे, तब भी लड़े और आज जब सरकार में हैं, तब भी जनता की आवाज़ बनकर खड़े हैं. मंगलवार को बाबा किरोड़ी राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िले के मलारना डूंगर में पहुंचे थे. यहां उन्होंने “मंत्री आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत भाड़ौती में जनसुनवाई की.
जनसुनवाई में पहुंची गाड़िया लुहार समाज की महिलाएं
सैकड़ों लोग, सैकड़ों फरियादें, और बाबा किरोड़ी हर एक आदमी की समस्या को ध्यान से सुन रहे थे. इस बीच डॉ.किरोड़ी लाल मीणा की जनसुनवाई में गाड़िया लुहार समाज की कई महिलाएं भी पहुंची थी. गाड़िया लुहार समाज की महिलाओं ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने की मांग की थी. बाबा ने जब उनका काम कराने का वादा किया तो महिलाओं ने कहा कि अगर काम नहीं हुआ तो दोबारा आपसे कैसे मिलें.
बाबा का अंदाज सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
महिला की इस गंभीर चिंता पर बाबा ने जो जवाब दिया, उसने सबका दिल जीत लिया. उन्होंने उस महिला से कहा- अपना हाथ आगे करो. महिला ने जैसे ही हाथ बढ़ाया, बाबा ने अपनी जेब से पेन निकाला और उसकी हथेली पर अपना मोबाइल नंबर लिख दिया. उन्होंने महिला से कहा कि अगर घर ना मिले तो मुझे कॉल करना. बाबा का यह अंदाज देखकर हर कोई उनका मुरीद हो गया.
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का यह अंदाज नया नहीं है. इससे पहले भी वे कई बार लीक से हटकर काम करते रहे हैं. चाहे वह जयपुर स्थित उनके आवास पर रोज़ाना लगने वाली जनसुनवाई हो या फिर सड़कों पर और चाय की थड़ी पर जनता दरबार लगाने की बात हो. 7 जनवरी को भी जब वे मॉर्निंग वॉक पर थे, तब उन्हें पता चला कि कुछ युवा उनसे मिलने आए हैं. उन्होंने वहीं पास की चाय की थड़ी पर बैठकर युवाओं की समस्याएं सुनीं. शायद यही वजह है कि वे नेताओं की भीड़ में एक ऐसे नेता के रूप में खड़े हैं, जिन पर जनता आंख बंद करके विश्वास करती है.
