Barmer : बाड़मेर में सामाजिक कुरूतियों के खिलाफ बड़ा जनजागरण देखने को मिल रहा है. समय के साथ-साथ यहां के लोग अपने रीति-रिवाजों में भी परिवर्तन ला रहे हैं. ऐसी ही एक मिसाल बाड़मेर के परिवार ने पेश की है. वेदाराम और उनके भाइयों ने माता के निधन के बाद मृत्युभोज नहीं करने का फैसला लिया. यही नहीं, उन्होंने इसके बदले शिक्षा के क्षेत्र में 5.5 लाख रुपये का दान दिया है.
हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार, किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लगभग 12 दिनों के बाद ब्राह्मण और अन्य व्यक्तियों को भोजन कराया जाता है. लेकिन बाड़मेर जिले के बीसू खुर्द के मेघवाल समाज के परिवार ने इस कुप्रथा के खिलाफ बड़ा सराहनीय काम किया है.
उपप्रधानाचार्य हैं वेदाराम
वेदाराम खिंटलिया वर्तमान में राउमावि निंबाणियो की ढाणी में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है. जबकि इनके दो अन्य भाई नेनाराम किसान एवं हीराराम नर्सिंग अधिकारी है. इन्होंने दो वर्ष पूर्व अपने पिता डाऊराम के निधन पर भी उनकी स्मृति में 5 लाख रूपए की राशि शिक्षा के क्षेत्र में दान की थी.
शिक्षा के क्षेत्र में दी गई 5.5 लाख रुपये की राशि
उपप्रधानाचार्य वेदाराम की माता समधा देवी का निधन 10 नवंबर को हुआ था. इसके बाद मृत्युभोज करने की बजाय वेदाराम और उनके भाइयों ने मृत्युभोज करने की बजाय शिक्षा के क्षेत्र में 5 लाख 50 हजार रुपये का सहयोग दिया है. खिंटलिया परिवार ने दिवंगत समधा देवी की स्मृति में 1.5 लाख रुपये एमएस छात्रावास, 1.5 लाख रूपये शिव छात्रावास, 1 लाख आरएमपी की अध्ययन गोद योजना के तहत देने की घोषणा की है. इसके अलावा एमएस 4, निंबाणियो की ढाणी विद्यालय के एक-एक विद्यार्थी, एरोज्ञा पुस्तकालय गुड़ामालानी, बालिका छात्रावास झालामंड जोधपुर, आरोग्य भवन जोधपुर, एमएस 4 छात्रावास गिड़ा एवं बालोतरा, शिव गणेश छात्रावास सांचौर, प्राथमिक विद्यालय खिंटलियो की ढाणी, फिफ्टी विलेजर्स, मूक बधिर साईं संस्थान बाड़मेर, पौधारोपण एवं जल संरक्षण कार्य बिसोन्दर नाडी, बुध एवं भीम साहित्य संस्थान को 10-10 हजार की नकद राशि का सहयोग करने की घोषणा की है.
