Rajasthan : अशोक गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद बाबा किरोड़ीलाल मीणा के बयान ने राजस्थान की सियासत में खलबली मचा दी है. कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि 900 करोड़ के जेजेएम घोटाले में केवल महेश जोशी को पकड़कर इतिश्री मत समझिए, जिन अफसरों ने घोटाला किया है उन्हें भी ईडी गिरफ्तार करे. उनके इस बयान के बाद राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. जो अधिकारी इस घोटाले में शामिल थे उन्हें भी अब डर सता रहा है कि वो गिरफ्तार ना हो जाए. इस खबर में हम जानेंगे कि जेजेएम घोटाले में क्या अफसरों की भी गिरफ्तारी होगी या फिर ये महज एक सियासी ड्रामा बनकर रह जाएगा?
दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा वही नेता हैं जिन्होंने इस घोटाले को उजागर किया था. इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सड़कों पर संघर्ष किया, पुलिस थानों के बाहर धरना दिया और घोटाले से जुड़े पुख्ता सबूत ईडी को सौंपे. कांग्रेस सरकार ने मामले को दबाने की हर कोशिश की लेकिन सच को आखिरकार एक दिन बाहर आना ही था. अब किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि सबूत मैंने दिए थे, देर हुई लेकिन अंधेर नहीं. उन्होंने दावा किया कि कई अफसर ईडी की रडार पर हैं, लेकिन वह नाम नहीं बताएंगे. क्योंकि अगर नाम सामने आ गए तो वे अफसर भाग जाएंगे.
क्या घोटाले में शामिल अफसरों पर भी होगी कार्रवाई?
किरोड़ी लाल मीणा ने ईडी से सीधी मांग करते हुए कहा है कि इस घोटाले में जो टॉप लेवल के अफसर थे, जिन्होंने टेंडर पास किए, घोटाले को सिस्टम से कवर किया, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. किरोड़ी ने बताया कि जब उन्होंने इस घोटाले का पर्दाफाश किया, तब एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई. उल्टा उन्हें अशोक नगर थाने के सामने धरना देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
जल जीवन मिशन घोटाले में पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद अब राजस्थान की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई अब अधिकारियों की बारी है? या फिर ये एक राजनीतिक प्रतिशोध बनकर रह जाएगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में कौन-कौन फंसेगा और कौन बचेगा?
