Rajasthan : तस्वीरों में आप जो जेसीबी देख रहे हैं वो न तो कोई खुदाई की जा रही है और ना ही किसी बिल्डिंग के निर्माण का काम चल रहा है. तो आप यह देख कर हैरान हो रहे होंगे कि फिर ये हो क्या रहा है? यह राजस्थानियों का पसंदीदा व्यंजन चूरमा बन रहा है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कोटपूतली में कुहाड़ा वाले श्री भेरूजी महाराज की जहां 5000 किलो चूरमा का भोग लगाया गया.
चूरमे की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि इसे बनाने के लिए सैकड़ों लोगों की टीम लगी. ग्रामीणों ने चूरमे के लिए पहले पिंड तैयार किया और 450 क्विंटल उपलों का जगरा लगाया. फिर 100 मीटर लंबे जगरे में बाटियां सेंकी. बाटियां सिकने के बाद कंप्रेसर से उनकी सफाई की गई. यही नहीं, थ्रेसर से चूरमे को पीसकर जेसीबी से उसमें 130 क्विंटल शक्कर और घी मिलाया गया.
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर ले जाया गया चूरमा
जब चूरमे को जेसीबी से मिला लिया गया तो उसे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर मंदिर परिसर में ले जाया गया. इसके साथ ही 100 क्विंटल दही और 50 क्विंटल दाल भी बनाई गई. खास बात ये है कि प्रसादी के लिए शुद्ध देशी घी का यूज किया गया. घी और दूध कुहाड़ा गांव के ही हर घर से लिया गया. इस प्रसाद को तैयार करने के लिए 150 हलवाइयों की टीम ने काम किया, तब जाकर महाप्रसाद का भोग भैरूजी महाराज को लगाया गया.
जब लोगों ने चूरमा बनाने का ये अनोखा तरीका देखा तो हर कोई इसे देखकर हैरान रह गया. लोगों को समझ में ही नहीं आया कि जेसीबी से ये खुदाई नहीं, बल्कि भैरूजी महाराज के लिए चूरमा बनाया जा रहा है.
इतना ही नहीं, प्रसादी वितरित करने के लिए ढ़ाई लाख पत्तल-दोने, चाय-कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवाए गए. इसके साथ ही मेले में पेयजल आपूर्ति के लिए 15 वाटर टैंकर भी मौजूद रहे.
