Rajasthan : राजस्थान में करप्शन का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. लोगों को लग रहा था कि जोधपुर में सार्वजनिक विभाग यानी पीडब्ल्यूडी का एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दीपक कुमार मित्तल सरकारी तनख्वाह पर अपनी जिंदगी बसर कर रहा है. लेकिन यह देखकर सब हैरान रह गए कि जनता की गाढ़ी कमाई से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने वाला इंजीनियर खुद के लिए विकास योजना चला रहा था. जब एसीबी की टीम ने 6 शहरों में कई ठिकानों पर रेड मारी तो करप्शन में इंजीनियरिंग कर चुके दीपक कुमार मित्तल के भ्रष्टाचार का सारा राज खुल गया.
एसीबी की टीम ने जयपुर, उदयपुर, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर और हरियाणा के ठिकानों पर धावा बोला. दरवाजे पर दस्तक हुई, अंदर हलचल मची और देखते ही देखते ACB की टीम ने पूरे ठिकानों को घेर लिया. नोटों के बंडल, अहम दस्तावेज और कई अहम सुराग—इस रेड में क्या कुछ हाथ लगा, आइए जानते हैं.
मित्तल के पास निकले प्लॉट और भारी संपत्ति
मित्तल के जयपुर स्थित घर से एसीबी को करीब 50 लाख रुपए नकद, आधा किलो सोने की ज्वेलरी और 1.5 किलो चांदी के जेवर मिले हैं. इंजीनियर दीपक कुमार मित्तल और उसके परिजनों के नाम जयपुर में 1 करोड़ कीमत के 4 प्लॉट, उदयपुर में 1 करोड़ 34 लाख के 9 प्लॉट और ब्यावर व अजमेर में 6.50 लाख रुपए के 3 प्लॉट मिले हैं. मित्तल और उसके परिजनों के कुल 18 बैंक खातों में 40 लाख रुपए मिले. उसने म्यूचुअल फंड में भी करीब 50 लाख रुपए का निवेश किया हुआ है. हालांकि एसीबी की रेड में अभी बहुत कुछ हाथ लगना बाकी है.
यही नहीं, एसीबी उस वक्त हैरान रह गई जब उसे आरोपी मित्तल के बच्चों के सेंट जेवियर स्कूल (जयपुर), जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी और एम्स गोरखपुर की फीस से संबंधित दस्तावेज मिले. इसमें करीब 70 लाख रुपए की फीस का हिसाब मिला है. आखिर कोई सरकारी इंजीनियर अपने बच्चो की पढ़ाई पर खर्च करने के लिए तनख्वाह से इतने रुपये कैसे जुटा सकता है. आरोपी के कई बीमा पॉलिसियों में निवेश और तीन बैंक लॉकर भी हैं जिनकी तलाशी ली जानी अभी बाकी है.
उदयपुर में भी पोस्टेड रहे हैं मित्तल
एसीबी की इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया है कि दीपक कुमार मित्तल वर्ष 2019 से फरवरी 2024 में उदयपुर में पोस्टेड रहे हैं. इन दिनों वे जोधपुर में कार्यरत हैं. इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत मिली, इस पर जांच को आगे बढ़ाते हुए एसीबी की टीम इनके ऑफिस पहुंची जहां उनके दस्तावेजों के साथ-साथ सभी रिकॉर्ड की जांच होगी.अब तक जांच में इनकी पत्नी, परिजन और खुद के नाम से कई बेनामी भूखंड होने की जानकारी सामने आई और अभी बहुत सारे राज खुलने बाकी हैं.
अब बड़ा सवाल यह है—क्या मित्तल अकेला खिलाड़ी है, या फिर इस खेल के पीछे कोई बड़ा ‘सिस्टम’ भी काम कर रहा है? जांच जारी है, पर ये तय है कि यह करप्शन स्टोरी अभी और बड़े राज़ खोलेगी.
