Jaisalmer : एक समय था जब जैसलमेर के फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमान राम को लोग “सर हुकुम” कहकर सलाम करते थे, लेकिन आज वही अफसर कुर्सी पर बैठा, चेहरा छुपाए, दो पुलिसकर्मियों के बीच अपराधी की तरह नज़र आ रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस तस्वीर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. राजस्थान की चर्चित एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में हुए पेपर लीक मामले में जब एसडीएम हनुमान राम का नाम सामने आया, तो पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया. एक ऐसा अधिकारी, जिसने किसान परिवार से निकलकर RAS की परीक्षा पास की, आज खुद नकल और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों में फंस चुका है.
राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी ने हाल ही में फतेहगढ़ एसडीएम हनुमान राम को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में डमी कैंडिडेट बनकर दो बार एग्जाम दिया. हैरान करने वाली बात ये है कि ये वही हनुमान राम हैं जिन्होंने 2021 की RAS परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल की थी. फिर भी उन्होंने कानून को ताक पर रखकर नकल का रास्ता अपनाया. एसओजी अब उन्हें जयपुर लेकर गई है जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. कोर्ट ने उन्हें 16 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
एसओजी के सामने ऐसे खुला राज
यह मामला तब सामने आया जब जोधपुर पुलिस ने गोवा से आरोपी नरपत राम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि एसडीएम हनुमान राम ने डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी. दरअसल, इस गैंग का मास्टरमाइंड हरखू जाट पहले ही पकड़ा जा चुका था. हरखू ने माना कि उसने इंद्रा और नरपत के ज़रिए फर्जी परीक्षार्थियों को सेट किया, जिसमें एसडीएम का नाम सामने आते ही सब दंग रह गए. इस खुलासे के बाद एसओजी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हनुमान राम को हिरासत में ले लिया.
बाड़मेर का रहने वाला है हनुमान राम
हनुमान राम बाड़मेर जिले के बिसारणियां गांव का रहने वाला है. उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. 2018 में उनका पहली बार सांख्यिकी विभाग में संगणक पद पर सरकारी सेवा में चयन हुआ. फिर उन्होंने RAS की तैयारी की और दूसरे प्रयास में 2021 में सफल हो गए और वो भी 22वीं रैंक के साथ. 2023 में उनकी पहली पोस्टिंग जालौर के चितलवाना में एसडीएम के तौर पर हुई और बाद में वे जैसलमेर के फतेहगढ़ में नियुक्त हुए. उनका ये सफर लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक था, लेकिन लोगों के दिलों में उनके लिए जो इज्जत थी आज वो सब मिट्टी में मिल गई है.
मामले को लेकर लोगों में भारी गुस्सा
जैसलमेर और आसपास के इलाकों में इस मामले को लेकर भारी गुस्सा है. एक तरफ युवा ईमानदारी से सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक अफसर ही नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है. अब राजस्थान सरकार और एसओजी के सामने एक बड़ी जिम्मेदारी है, न सिर्फ इस केस को पूरी पारदर्शिता से आगे बढ़ाने की, बल्कि उन सभी अधिकारियों और नेटवर्क को उजागर करने की जो इस घोटाले में शामिल है. यह देखने वाली बात होगी कि क्या हनुमान राम जैसे लोगों को कानून सख्त सजा देगा या फिर यह मामला भी फाइलों में गुम हो जाएगा?
