Jaisalmer : जब पहलगाम पर हमला हुआ तो भारत ने पाकिस्तान और उसके आतंकी आकाओं को सबक सिखाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. जब आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक हुई तो पाकिस्तान बौखला गया और उसने जैसलमेर समेत भारत के कई सरहदी जिलों में मिसाइल और ड्रोन अटैक शुरू कर दिए. लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने सभी को हवा में ही खत्म कर दिया. इस खबर में हम जानेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के ड्रोन हमलों और बढ़ते तनाव के बीच जैसलमेर के लोगों की जिंदगी में कितना बदलाव आया है?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैसलमेर की ज़मीन पर बहुत कुछ बदल चुका है. यहां अब रात के समय में ड्रोन और मिसाइलों से हमले हो रहे हैं. लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं. सिर्फ बम नहीं गिर रहे, बल्कि आम नागरिकों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई है. सबसे बड़ा बदलाव सुरक्षा व्यवस्था में देखने को मिल रहा है. सीमावर्ती इलाकों में सेना की तैनाती को तीन गुना तक बढ़ा दिया गया है. हर चौकी पर हाई अलर्ट है. डिफेंस कॉरिडोर के 5 किलोमीटर के दायरे में आम नागरिकों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है. ड्रोन से हमला करने की कोशिशों के बाद अब जैसलमेर की हवा तक स्कैन की जा रही है. आम नागरिकों को सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरन्त रिपोर्ट करें.
ब्लैकआउट का टाइम 12 घंटे किया गया
जैसलमेर में ब्लैक आउट का टाइम बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है. शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्णतया ब्लैक आउट रहेगा. इस दौरान सभी प्रकार की लाइटें बंद रखी जाएगी. साथ ही दुपहिया, तिपहिया एवं चार पहिया समेत समस्त प्रकार के वाहन पर पूर्णतया प्रतिबंध है. दुकानों के शटर भी अब 5 बजे से पहले गिरने लगते हैं. स्कूल, कोचिंग, लाइब्रेरी और हॉस्टल बंद कर दिए गए हैं. ट्रेनें रद्द हैं, बस सेवाएं सीमित हैं और बाजारों में सन्नाटा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुफिया एजेंसियों ने भी अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी है. जैसलमेर में अब AI-बेस्ड निगरानी सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जो हर गाड़ी, हर शख्स और हर डिजिटल सिग्नल पर नजर रख रहे हैं. मोबाइल नेटवर्क्स पर भी खास निगरानी है संदिग्ध कॉल्स, अज्ञात नंबर और विदेशी IP की तुरंत जांच हो रही है. पाकिस्तानी ड्रोन के मलबे से मिली टेक्नोलॉजी का एनालिसिस जारी है और सेना इसे भविष्य के हमलों की रणनीति बनाने में इस्तेमाल कर रही है.
सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
जैसलमेर प्रशासन भी अब पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. कलेक्टर ने जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. अब सबको 24×7 ड्यूटी मोड में रहना है. बिना अनुमति कोई भी अधिकारी जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकता. धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है. हर सार्वजनिक जगह पर नोटिस चिपका दिए गए हैं कि कोई भी भीड़, कोई भी आयोजन बिना प्रशासन की अनुमति के नहीं हो सकता.
जैसलमेर के लोग अब सिर्फ आम नागरिक नहीं, बल्कि सतर्क सैनिक जैसे हो गए हैं. लोगों के मन में ये सवाल जरूर है कि अब उन्हें कितने दिन तक युद्ध जैसे हालात में रहना होगा. लेकिन वे हर तरह की परिस्थिति से लड़ने को तैयार दिख रहे हैं. उनके मन में बस यही है कि पहलगाम में जिन आतंकियों ने हमारे निर्दोष लोगों को मारा है उनको सबक सिखाया जाए. वे प्रशासन और सेना के साथ हरसंभव सहयोग कर रहे हैं.
