Naresh Meena Thappad Kand : देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एक पोलिंग बूथ के बाहर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था. उसके बाद से नरेश मीणा जेल में बंद हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है. इससे उनके समर्थकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है और उन्होंने महापंचायत का ऐलान कर दिया है. इससे सरकार की तो टेंशन बढ़ ही गई है, इसके साथ-साथ टोंक कलेक्टर सौम्या झा की मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल, नरेश मीणा के समर्थक जिस महापंचायत की चेतावनी दे रहे हैं उसमें करीब 1 लाख लोग शामिल हो सकते हैं. ऐसे में अगर वहां कुछ बवाल हुआ तो इसका जिम्मेदार सौम्या झा को ठहराया जाएगा. क्योंकि थप्पड़ कांड के बाद समरावता गांव में जो बवाल हुआ था उसका ठीकरा भी सौम्या झा पर ही फोड़ा गया था. ऐसे में नरेश मीणा के समर्थकों की यह हुंकार सौम्या झा के लिए सिरदर्द बन गई है.
मीणा को नहीं छोड़ने पर सीएम अवास का करेंगे घेराव
नरेश मीणा के समर्थकों का कहना है कि अगर नरेश मीणा को नहीं छोड़ा गया तो 29 दिसंबर को हाईवे को जाम करने के साथ ही टोंक कलेक्ट्रेट का भी घेराव किया जाएगा. इसके साथ ही अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे जयपुर की तरफ कूच करके सीएम आवास का भी घेराव करेंगे. इसके लिए कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने नरेश मीणा के समर्थकों के साथ एक सीक्रेट मीटिंग भी की है. इसकी खबर लगते ही जयपुर में इंटेलिजेंस एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है. क्योंकि अगर 29 दिसंबर को नरेश मीणा के समर्थक जयपुर कूच करते हैं तो यह सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है.
सरपंच संघ टोंक के जिलाध्यक्ष ने भी दी चेतावनी
दरअसल, नरेश मीणा थप्पड़ कांड के बाद 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है. इस दौरान दो बार उनियारा कोर्ट में उनकी जमानत की अर्जी दी गई लेकिन दोनों ही बार उसे खारिज कर दिया गया. 17 दिसंबर को टोंक डीजे कोर्ट में नरेश की जमानत पर सुनवाई होनी थी, लेकिन उसे भी टाल दिया गया. अब 23 दिसंबर को नरेश मीणा की जमानत अर्जी पर एक बार फिर सुनवाई होगी. अगर इस बार नरेश मीणा को जमानत नहीं मिलती है तो उनके समर्थक भड़क सकते हैं. सरपंच संघ टोंक के जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर टोंक में महापंचायत होगी तो हाईवे जाम से लेकर कलेक्ट्रेट तक घेराव किया जाएगा.
वहीं, दूसरी तरफ नरेश मीणा को जमानत नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी देने वाले नेताओं पर बाबा किरोड़ीलाल मीणा भड़क गए हैं. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि कुछ लोग पंचायत के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. उनसे पूछना चाहिए कि वे महापंचायत क्यों कर रहे हैं? अब तो पुलिस भी उधर नहीं जा रही और ना ही किसी निर्दोष को गिरफ्तार करेगी. इसके बावजूद कुछ लोग पंचायत के नाम पर राजनीति कर रहे है. किरोड़ी ने यह भी कहा कि अपनी बात रखने का लोकतंत्र में सभी को अधिकार है लेकिन, पंचायत के नाम पर लोगों को गुमराह करना गलत है.
अब देखना यह होगा कि 23 दिसंबर को नरेश मीणा को जमानत मिलती है या नहीं. और अगर उन्हें जमानत नहीं मिली तो उनके समर्थक क्या करते हैं. क्या सरकार नरेश मीणा के समर्थकों में भड़क रहे गुस्से पर काबू कर पाएगी या समरावता गांव जैसा बवाल फिर से देखने को मिलेगा.
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