Rajasthan : राजस्थान की सियासत में इस वक्त सबसे ज़्यादा चर्चा अगर किसी की हो रही है तो वो है प्रदेश के दो दिग्गज जाट नेताओं में छिड़ी जुबानी जंग की. एक तरफ हैं आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल जो खुद को जाट समाज का सबसे बड़ा चेहरा बताते नहीं थकते. तो वहीं दूसरी ओर हैं ओसियां की तेज़तर्रार पूर्व कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा, जिनकी राजनीति में गहराई जितनी कम है, जुबान उतनी ही धारदार. जाट राजनीति में वर्चस्व के लिए ये दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ अक्सर बयानबाजी करते रहते हैं लेकिन अब ये लड़ाई सीधे आरपार की हो गई है और दोनों नेता एक दूसरे पर पर्सनल कमेंट करने से भी बाज नहीं आ रहे.
दरअसल, हनुमान बेनीवाल ने हाल में जोधपुर में एक कार्यक्रम में दिव्या मदेरणा पर तंज कसा था जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच जुबाई जंग शुरू हो गई. बेनीवाल ने दिव्या को लेकर कहा था कि ओसियां में ट्रांसफार्मर उतार रहे हैं, धरना देना चाहिए, सड़कों पर उतरना चाहिए. लेकिन वह तो पिताजी को जेल भेजने वाले के बेटे के आगे ठुमके लगा रही है. मैं विधायक होता तो ट्रांसफार्मर नहीं उतरते.
हनुमान बेनीवाल के आरोपों पर दिव्या मदेरणा ने दिया जवाब
आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के इस तीखे हमले का अब कांग्रेस नेता दिव्या मदेरणा ने भी करारा जवाब दिया है. ओसियां में एक कार्यक्रम में दिव्या मदेरणा ने कहा कि जिसने खींवसर को अभेद किला बताया था आज वह पूरी तरह ढह चुका है. राजनीति में हार चुके व्यक्ति पर टिप्पणी करना मैं सही नहीं मानती क्योंकि जंग के भी उसूल होते हैं.
दिव्या मदेरणा ने हनुमान बेनीवाल के आरोपों का भी सीधे-सीधे जवाब दिया. दिव्या ने कहा कि मुझे नेताजी का वीडियो दिखाया गया, जिसमें वे धरने की बात कर रहे थे. यही नेता पहले कहते थे कि वे दिव्या को हराएंगे. अगर हालात बदले हैं, तो उसके ज़िम्मेदार भी वही हैं. दिव्या ने आगे कहा कि मैं, मेरे दादा, पिताजी और मां ने कांग्रेस से 16 चुनाव लड़े हैं और पार्टी के प्रति हमेशा निष्ठावान रहे हैं. लेकिन आपने क्या किया? आप कभी भाजपा, कभी दूसरी पार्टी से लड़े. खुद की पार्टी बनाकर भी समझौते करते रहे.
