Crime : राजस्थान की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार किसी से छिपा हुआ नहीं है. विकास के कामों के लिए जो फंड आता है वह केवल कागजों पर ही सिमटकर रह जाता है और सारे पैसों को जनप्रतिनिधि और अधिकारी डकार जाते हैं. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के झुंझुनूं जिले में सामने आया है जहां ग्राम विकास अधिकारी यानी वीडीओ पीयूष भारद्वाज ने सिंगल ओटीपी सिस्टम का फायदा उठाकर अपने ही ड्राइवर के बैंक खाते में सैकड़ों ट्रांजेक्शन कर दिए और 3 पंचायतों में डेढ़ करोड़ का गबन कर दिया. जब पंचायत समिति ने जांच बैठाई तब जाकर इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ.
दरअसल, वीडीओ पीयूष भारद्वाज जून 2021 से दिसंबर 2024 तक ग्राम पंचायत उदावास, प्रतापपुरा व इंडाली में पोस्टेड रहा. इस दौरान उसने गांवों में कराए गए विकास कार्यों का भुगतान टेंडर फर्म को न करके अपने ड्राइवर सुरेंद्र सिंह के खाते में कर दिया. इन ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच थी जिसका उसने भरपूर फायदा उठाया. वीडीओ ने सिंगल ओटीपी सिस्टम काम में लिया. यानी सरपंचों की ओटीपी लिए बिना ही करोड़ों का भुगतान कर दिया. हैरान करने वाली बात ये है कि इस घोटाले को अंजाम देने के लिए उसने उदावास पंचायत के बैंक खाते से 512, प्रतापुरा से 124 और इंडाली पंचायत के बैंक खाते से 248 ट्रांजेक्शन अपने ड्राइवर के बैंक खाते में किए.
झुंझुनूं में एक्शन से जैसलमेर में मचा हड़कंप
जैसे ही झुंझुनूं में ये कार्रवाई हुई तब से जैसलमेर के जनप्रतिनिधियों और पंचायतीराज अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि जैसलमेर की लगभग हर ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का हाल ऐसा ही है जैसा झुंझुनूं में सामने आया है. यहां जनप्रतिनिधि और अधिकारी मिलकर जमकर भ्रष्टाचार करते हैं और इसमें से एक हिस्सा शीर्ष अधिकारियों तक भी पहुंचता है. ऐसा नहीं है कि ये सब चोरी छिपे होता है. जनता को सब मालूम है और वह प्रशासन से इस बात की शिकायत की भी करती है लेकिन एक्शन लेने को कोई तैयार नहीं है.
द बवाल की टीम पिछले कई महीनों से ग्राउंड जीरो पर है और एक-एक करके जैसलमेर की हर ग्राम पंचायत के हालात दिखाने में जुटी है. जब हमारी टीम कराड़ा, मंडाऊ, हटार, देवा, झिनझिनयाली, लखा, जवाहर नगर, काणोद, जेसुराणा, दरबारी का गांव और रिवड़ी जैसी ग्राम पंचायतों में पहुंची तो जनता द बवाल के कैमरे पर अपना दर्द बयां करने से अपने आप को रोक नहीं सकी. इन सब ग्राम पंचायतों की रिपोर्ट जब आप द बवाल के यूट्यूब चैनल पर देखेंगे तो पाएंगे कि आप जैसलमेर में कहीं भी एक जगह से दूसरी जगह चले जाओ. इससे पंचायत तो बदल जाएगी लेकिन भ्रष्टाचार का हाल सब जगह कमोबेश ऐसा ही है. यहां के सरपंच और अधिकारियों से जनता बुरी तरह त्रस्त है. अगर यहां भी झुंझुनूं की तरह जांच बैठाई जाए तो जनप्रतिनिधि और अधिकारी सब नंगे हो जाएंगे और हकीकत सामने आ जाएगी. लेकिन इन भ्रष्ट जनप्रतिनिधि और अधिकारियों पर एक्शन कौन लेगा, यह सबसे बड़ा सवाल है. यह देखने वाली बात होगी कि जैसलमेर के भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर सरकार कब एक्शन लेगी.
